Ad

IFFCO seeds online

इस राज्य में किसानों को घर बैठे अनुदानित दर पर बीज मुहैय्या कराए जाएंगे

इस राज्य में किसानों को घर बैठे अनुदानित दर पर बीज मुहैय्या कराए जाएंगे

खेती किसानी में बेहतर पैदावार जब ही प्राप्त हो सकती है, जब उर्वरक भूमि के साथ-साथ बेहतरीन गुणवत्ता के बीज भी होने चाहिए। बिहार सरकार फिलहाल उत्तम गुणवत्ता के बीजों को किसानों के घर तक पहुंचाएगी। बेहतरीन खेती के लिए अच्छी गुणवत्ता के बीजों का होना काफी आवश्यक होता है। किसान बीज प्राप्त करने के लिए बाजार एवं बीज केंद्रों के चक्कर काटते रहते हैं। उत्तम गुणवत्ता का बीज न मिलने की वजह से किसानों की फसल उतनी खास नहीं हो पाती है। किसानों के समक्ष चुनौती यह भी रहती है, कि बेहतरीन गुणवत्ता के बीजों की पहचान किस तरह की जाए। राज्य सरकार के स्तर से भी किस तरह अच्छे बीज प्राप्त हो सकें। किसान इसको लेकर भी मांग करते रहते हैं। फिलहाल, बिहार सरकार ने इसी दिशा में पहल की जा रही है। किसानों की काफी परेशानियां भी समाप्त कर दी है।

बिहार सरकार की तरफ से बीजों की होम डिलीवरी की सुविधा दी गई है

बिहार सरकार खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों के बीजों को अनुदान देकर मुहैय्या करा रही है। बीजों को किसानों के घर तक मुहैय्या कराने के लिए होम डिलीवरी की सुविधा भी दी गई है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया है, कि जो किसान घर पर बीज प्राप्त करना चाहते हैं। उनको एक अलग विकल्प भरना होगा। होम डिलीवरी हेतु उनसे अतिरिक्त धन भी लिया जाएगा। यह भी पढ़ें:
घर पर करें बीजों का उपचार, सस्ती तकनीक से कमाएं अच्छा मुनाफा

बिहार सरकार द्वारा किया अपील की गई है

बिहार सरकार, कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर यह जानकारी प्रदान की है। बिहार सरकार की तरफ से बताया गया है, कि किसान भाइयों एवं बहनों, कृपया गौर करें! खरीफ मौसम, 2023 में विभिन्न फसलों के बीज की सब्सिड़ी दर पर उपलब्धता से जुड़ी सूचना। कृषि विभाग द्वारा बिहार राज्य बीज निगम के जरिए से खरीफ मौसम, 2023 की विभिन्न योजनाओं में खरीब फसलों के बीज अनुदानित दर पर वितरण करने की योेजना तैयार कर ली है।

किसान ऑनलाइन आवेदन यहां कर सकते हैं

इच्छुक किसान अनुदानित दर पर विभिन्न खरीफ फसलों के बीज प्राप्त करने के लिए DBT Portal (https://dbtagriculture.bihar.gov.in) / BRBN Portal (brbn.bihar.gov.in) के बीज अनुदान / आवेदन लिंक पर दिनांक 15 अप्रैल, 2023 से 30 मई, 2023 तक आवेदन किया जा सकता है। किसान सुविधानुसार   साइबर कैफ / वसुधा केंद्र / कॉमन सर्विस सेंटर अथवा स्वयं के Android Mobile के उपयोग से आवेदन किया जा सकता है।

बीज की डिलीवरी इस प्रकार से की जाएगी

किसानों का आवेदन संबंधित एग्रीकोऑर्डिनेटर को भेजा जाएगा। एग्री कोऑर्डिनेटर जिस स्थान पर बीज आवंटित करेगा, उस जगह की जानकारी किसान को दी जाएगी। किसान बीज विक्रेता को बीज वितरण के दौरान आधार कार्ड आधारित फिंगर प्रिंट अथवा आईरिस पहचान द्वारा आधार प्रमाणीकरण करवाकर एवं पंजीकृत मोबाइल नंबर साझा करना होगा। इसके उपरांत पंजीकृत नंबर पर ओटीपी आ जाएगा। उसको दर्ज करने के उपरांत अनुदान की धनराशि भी घट जाएगी एवं शेष धनराशि का भुगतान कर दें।
कृषि मंत्रालय के सहयोग से बने इस एप से किसान असली व नकली बीजों की अब तुरंत जाँच कर लेंगे

कृषि मंत्रालय के सहयोग से बने इस एप से किसान असली व नकली बीजों की अब तुरंत जाँच कर लेंगे

आजकल सामान्यतः बीजों के असली-नकली की जांच करने की समस्या किसानों के समक्ष रहती है। केंद्र सरकार द्वारा इसी से संबंधित SATHI एप जारी किया है। किसान एप से बीजों के बारे में काफी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। किसानों के फायदे के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें निरंतर कदम उठा रही हैं। यही प्रयास रहता है, कि किसान भाइयों को उनका अधिकार प्राप्त हो सके। बीजों पर अनुदान, कृषि यंत्रों के मूल्यों पर छूट ऐसी ही सहूलियत होती हैं, जिनकी मदद से किसान को बड़ी राहत मिलती है। खेती करने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है, कि बीज उत्तम गुणवत्ता वाला होना चाहिए। परंतु, अब तक किसान के पास ऐसा कोई पैमाना नहीं है, जिससे जल्दी मालूम हो सके कि बीज असली है अथवा नकली। अब ऐसी ही पहल केंद्र सरकार की तरफ से भी की गई है। एप की सहायता से तुरंत पता चल जाएगा कि बीज असली है या नकली।

बीज के असली व नकली होने की पहचान कराएगा SATHI एप

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नकली बीज विक्रेताओें पर कार्रवाई करने हेतु अधिकारियों निर्देश दिए हैं। वहीं, किसान भी सजग होकर नकली बीज खरीदने से बच सकें, इसके लिए भी किसानों को जागरुक किया जा रहा है। साथ ही, अब बीज असली है अथवा नकली, इसके बारे में जाँच करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री की तरफ से साथी (SATHI- सीड ट्रैसेबिलिटी, ऑथेंटिकेशन एंड होलिस्टिक इन्वेंटरी) नाम से पोर्टल एवं मोबाइल ऐप जारी किया है। नकली बीजोें के विषय में जानकारी करने के उद्देश्य से एक सेंट्रलाइज्‍ड ऑनलाइन व्यवस्था बनाई गई है। ये भी पढ़े: किसानों को सस्ते में मिलेंगे कृषि यंत्र, सरकार दे रही 50% सब्सिडी

एनआईसी ने कृषि मंत्रालय के सहयोग से SATHI एप निर्मित किया है

साथी एप को एनआईसी द्वारा कृषि मंत्रालय की सहायता से निर्मित किया है। एनआईसी द्वारा इसे उत्तम बीज-समृद्ध किसान सब्जेक्ट पर विकसित किया है। कृषि मंत्री तोमर का कहना है, कि किसान भाइयों के समक्ष नकली बीज का पता लगाने का काफी बड़ा संकट रहता है। साथी एप ऐसे लोगों की काफी मदद करेगा। केंद्र सरकार योजना एवं कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की हर संभव सहायता करने का प्रयास कर रही है।

भारत के लाखों किसान भाइयों को SATHI एप से जोड़ने की तैयारी

कृषि मंत्री का कहना है, कि साथी पोर्टल से भारत के लाखों किसान भाइयों को जोड़ा जाएगा। दरअसल, अभी इस साथी पोर्टल का प्रथम चरण है। शीघ्र अति शीघ्र इसका द्वितीय फेज भी चालू कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री का कहना है, कि अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं, कि दूसरे चरण को जारी करने में ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए।